Friday, October 1, 2010

स्पर्श



शिशु के बदन पर माँ के 
हाथ का ममतामयी स्पर्श

प्रणय बेला में नववधू के
हाथ का रोमांच भरा स्पर्श

पेड़ो पर झूलती लताओं का 
आलिंगनपूर्ण स्पर्श

पहाड़ों पर मंडराते बादलों का 
प्यार भरा स्पर्श

हँसती खिलखिलाती नदी  का
 सागर में समर्पण  का स्पर्श

गुलशन में गुनगुनाते भंवरों  का 
 फूलों से मधुमय स्पर्श

मानसरोवर के स्वर्णिम कमलों  पर
 तुहिन कणों का स्पर्श

दुनियां के कोमलतम
     स्पर्श की कहानी कहते हैं। 

कोलकत्ता
१ अक्टुम्बर, २०१०
(यह कविता  "कुमकुम के छींटे" नामक पुस्तक में प्रकाशित है )

5 comments:

  1. बहुत कोमल स एहसास कराता लगा यह स्पर्श

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  2. बहुत सुन्दर लिखा है।

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  3. kavita manch par meri kavita lene ke liye aapka bahut bahut dhanywad. aasha hai aap aage bhi ishi tarah se utsahavardhan karti rahengi. ek bar phir dhanywad.

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  4. prtikriya dene ke liye aap sabhi ka dhanywad. aap mere blog SANTAM SUKHAYA me bhi visit karke mujhe apni prtikriya de to mujhe khushi hogi.

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