Friday, May 14, 2021

बिना तुम्हारे क्या जीना

बिना तुम्हारे क्या जीना
अब जीवन में सार नहीं,
सफर सुहाना टूट गया
अब रुचता शृंगार नहीं।  

साथ तुम्हारा छूट गया 
अब कोई संगीत नहीं, 
जीवन वाद्य बिखर गया 
अब कोई झंकार नहीं। 

बिन साथी के जीवन कैसा
बिना तान के राग नहीं,
दिल पर गहरी चोट लगी 
पर होती है टंकार नहीं। 

तुम से ही तो था जीवन 
अब तो कोई साथ नहीं,
बिना तुम्हारे संग-सफर 
अब जीना स्वीकार नहीं। 

कितने सपने हमने देखे
अब तो कोई चाह नहीं, 
भाग्य जगा था संग तुम्हारे 
अब कोई अधिकार नहीं। 



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