Friday, March 10, 2023

जीवन के टूटते रिश्तों का दर्द

पिता लुटा देता जीवन भर की कमाई 
बेटे की पढ़ाई - लिखाई के लिए,
पर बेटा नहीं करता माँ-बाप की चिंता 
चला जाता विदेश कॅरियर बनाने के लिए।
चंद पैसे कमाते ही बेटा बोलने लगता 
क्या किया था आपने हमारे लिए,
आपके पास तो पांच रुपये भी नहीं होते थे 
हमें चॉकलेट खरीद कर देने के लिए। 

बेटी ससुराल की हर बात बताने लगी पीहर में 
मायके वालों का दखल शुरू हुवा बेटी के लिए,
थोड़े दिन बाद ही हो गया मनमुटाव  
दोनों पक्षों ने कर दिया केस अलगाव के लिए।

टूट जाते हैं रिश्ते छोटी छोटी बातों में
जो कसक देते रहते हैं जीवन भर के लिए,
जीवन का असली सुख तो पारिवारिक रिश्तों में है 
धन तो केवल साधन मात्र है जीवन यापन के लिए। 
















Monday, March 6, 2023

उन्मन आँखें भर आई

फागुन आया मीत न आई  
बसन्त रह गया  सपनों में,
तस्वीर उसकी टँगी हुई है   
यादों की चार सलाखों में। 

बिन सजनी  जिया न लागे 
फाग का रंग न चढ़े मन में,   
तन की पीड़ा और बढ़ गई 
इस मौसम  की पुरवाई में।

कौन  मलेगा  रंग गालों पर 
कौन  भरेगा  अब  बाँहों में  
हंसी - ठिठोली  रीती  सारी 
बैरंग  हुवा  मन  फागुन  में। 

हमजोली  की चंचल  नजरें 
अब नहीं टकरेगी होली  में, 
रंग गुलाल उड़ेगा चहुँ दिसि 
पर  मजा  न होगा  होली में। 




Friday, March 3, 2023

बस्तियाँ जलती रही

जमीन को खाली कराने  
सरकारी फरमान निकला 
पुलिस बल साथ लेकर 
अस डी एम खुद निकला 

भीड़ चिल्लाती रही 
बुलडोज़र घरों को रौंदता 
आगे बढ़ता रहा 
औरतें छाती पीटती रही 
शासन बस्ती उजाड़ता रहा 

माँ-बेटी दौड़ी अन्दर 
बंद कर लिया दरवाजा 
बचाने अपना घर 
बाहर किसी ने लगादी आग 
धूं-धूं कर जलने लगा घर 

लपटे ऊँची उठने लगी 
माँ-बेटी जलती रही अन्दर  
आकाश सारा हो गया लाल 
आर्तनाद सुनाई देता रहा बाहर

भीड़ अपनी आवाज से 
आकाश पाताल एक करती रही  
सरकार के कानों जूं तक नहीं रेंगी  
जमीन खाली कराने बस्तियाँ जलती रही। 






Saturday, February 18, 2023

विश्वास

आज रात्रि में  
मैं  निडर हो कर सोउंगा 
क्योंकि मुझे कल जीना है 

कल सूर्य भी 
अपनी स्वर्णिम किरणों से 
वैसे ही स्वागत करेगा  
जैसे रोज करता है 

कल चमन में भी 
मधुमय फूलों की बहार 
वैसे ही खुशबु लुटायेगी 
जैसे रोज लुटाती है

कल हवा भी 
इतराती हुई, मेरे बदन को 
वैसे ही सहलाकर कर बहेगी 
जैसे रोज बहती है 

कल मेरा यार भी 
कॉफी की टेबल पर 
वैसे ही इन्तजार करेगा 
जैसे रोज करता है 

कल वे सब भी 
वैसे ही मेरे साथ होंगे 
जैसे रोज मेरे साथ होते है। 



Saturday, February 4, 2023

जन्म

माँ प्रसव पीड़ा झेलती 
कमरे में 
नया मेहमान 
आने की तैयारी में 

परिवार के सदस्य 
इन्तजार में 
पिता चहल कदमी करते 
गलियारे में 

मौत छिपी हुई माँ की 
चीख में 
नयी जिन्दगी बच्चे की 
किलकारी में। 





Friday, January 27, 2023

मेरे प्यारे देशवासियों

चुनावों के समय 
मतदाताओं को रिझाने के लिए 
राजनैतिक पार्टियों द्वारा 
अगणित प्रलोभनों की फसल 
तैयार की जाती है 

टेलीविजन के माध्यम से 
समाचार पत्रों के माध्यम से 
घोषणा पत्रों के माध्यम से 
उन्हें प्रचारित किया जाता है 

मतदाता इसमें फंस जाता है 
बच्चों की तरह लॉलीपोपों से 
खुश हो जाता है 

वह झूठे आश्वासनों को 
सच्चा मान लेता है 
पार्टियों के फैलाये जाल में
फंस जाता है 

पार्टियां चाहती हैं कि 
मतदाता पांच साल तक 
उनके इशारों पर नाचता रहे 
न उनकी गरीबी दूर हो 
न कोई उनका विकास हो 

ताकि वो कभी भी 
सिर उठा कर उनका 
प्रतिकार नहीं कर सके  

ओ ! मेरे प्यारे देशवासियों 
देश को आजाद हुऐ 
पचहतर साल हो गए 
मगर तुम आज भी सोये हुए हो 

उठो जागो ! 
तुम में साहस है
तुम में योग्यता है 
तुम में कार्यकुशलता है  
इन झूठे प्रलोभनों में मत फंसो 
अपनी हक़ की लड़ाई लड़ो और जीतो। 


Wednesday, January 18, 2023

जिन्दगी तो हर कदम पर

जिंदगी तो कदम-कदम पर संघर्ष करती है 
मगर जीने की तमन्ना, मरने भी नहीं देती है। 

जिंदगी तो केवल, दिवास्वपन ही दिखाती है 
चैन की नींद तो सदा, मौत ही देकर जाती है।

हम सदा हथेली पर, दीया लेकर चल रहें हैं। 
तूफ़ान के झोंके पर टिकी जिंदगी जी रहें हैं। 

कोई छोटी जिंदगी में, इतिहास बना जाता है 
कोई बरसों जी कर भी, अज्ञात चला जाता है।  

जीवन तो नश्वर है, एक दिन तो चले जाना है  
धन-दौलत सभी छोड़, खाली हाथ ही जाना है।