पिता लुटा देता जीवन भर की कमाई
बेटे की पढ़ाई - लिखाई के लिए,पर बेटा नहीं करता माँ-बाप की चिंताचला जाता विदेश कॅरियर बनाने के लिए।
चंद पैसे कमाते ही बेटा बोलने लगता
क्या किया था आपने हमारे लिए,
आपके पास तो पांच रुपये भी नहीं होते थे
हमें चॉकलेट खरीद कर देने के लिए।
बेटी ससुराल की हर बात बताने लगी पीहर में
मायके वालों का दखल शुरू हुवा बेटी के लिए,
थोड़े दिन बाद ही हो गया मनमुटाव
दोनों पक्षों ने कर दिया केस अलगाव के लिए।
टूट जाते हैं रिश्ते छोटी छोटी बातों में
जो कसक देते रहते हैं जीवन भर के लिए,
जीवन का असली सुख तो पारिवारिक रिश्तों में है
धन तो केवल साधन मात्र है जीवन यापन के लिए।