Friday, August 28, 2020

जय श्री कृष्ण राधे - राधे

हमारे घर है
एक छोटी सी गुड़िया
नाम है आयशा

वो लगाती है
अपने बालों में
एक सुन्दर सा
हेयर बेंड

रखती है अपने
बालों को खुला
फिर इठलाती है
परियों की तरह

करती है
इन्द्रधनुष के रंगों से
बादलों पर चित्रकारी

नचाती है नैन
कम्प्यूटर स्क्रीन पर
दौड़ाती है उंगलियाँ
किबोर्ड पर

लगाती है प्ले पार्लर
खिलाती है सबको
लौटा लाती है सब का 
प्यार भरा बचपन

सोते समय
सब को कहती है
जय श्री कृष्ण
राधे - राधे।





Tuesday, August 25, 2020

तुम तो आज भी मेरे संग हो

तुम मेरी सुबह की अंगड़ाई हो
तुम मेरी चाय का मिठास हो
तुम मेरी छुट्टी की सुबह हो
तुम मेरे होठों की प्यास हो 
तुम आज भी मेरे संग हो।

तुम मेरी बैचेनी का सुकून हो
तुम मेरे दिल की धड़कन हो
 तुम मेरे प्यार की ग़ज़ल हो 
            तुम मेरे संग में परछाईं हो           
तुम आज भी मेरे संग हो।

तुम मेरे लबों की मुस्कान हो 
तुम मेरे दिल का अरमान हो
 तुम मेरी यादों की हिचकी हो 
तुम मेरे सपनों की रानी हो 
तुम आज भी मेरे संग हो।

तुम मेरे जीवन का संगीत हो 
तुम मेरी कविता का छंद हो 
तुम मेरे दिल की आवाज हो
तुम मेरे प्यार की पनाह हो 
तुम तो आज भी मेरे संग हो।



( यह कविता "स्मृति मेघ" में प्रकाशित हो गई है। ) 

Sunday, August 9, 2020

नौका लगी किनारे पर

नौका लगी किनारे पर
जाने को उस पार 
कुछ तो साथी चले गए
   बाकी का नंबर तैयार। 

दुनियां केवल रैन बसेरा 
वापिस सब को जाना है 
कोई आगे, कोई पीछे 
इसी नाव पर चढ़ना है।  

जीवन में जो कर्म किए 
वही साथ में जायेंगे
बाकि रिश्ते-नाते सारे
यहीं धरे रह जायेंगे।

 दो दिन का यह मेला है 
अंतिम नियति तो जाना है
नौका लगी किनारे पर
अपनी बारी चढ़ना है।

                                                              
                                                                  ( यह कविता "स्मृति मेघ" में प्रकाशित हो गई है। )