Friday, April 28, 2023

मौलश्री के फूलों सी यादें

आज मौसम बहुत सुहाना है
हल्की-हल्की बारिश हो रही है
तुम्हें बारिश बहुत पसद थी
मुझे भी पसंद है
.
हाथ थाम तुम्हारा
संग-संग भीगना चाहता था
बारिश में
जिंदगी का हर पल
बिताना चाहता था
तुम्हारे संग में
बहुत कुछ
अनकहा रह गया
हमारे तुम्हारे बीच में
.
गीले तकियों से
बिस्तर की सिलवटों तक
महसूस करता हूँ तुम्हें
हर पल अपने आस-पास
.
मगर नहीं व्यक्त कर पाता
अपने मन के भावों को
मौलश्री के फूलों सी
झरती रहती हैं यादें।

Thursday, April 20, 2023

थकान

 तेजी से 
दौड़ती सड़कें भी 
कभी-कभी रुक जाती है
पगडंडी के पास 
थकान मिटाने 

दो पैसा कमाने 
शहर गया प्रवासी भी 
कभी-कभी लौट आता है 
गांव के पास 
थकान मिटाने ।  

Saturday, April 15, 2023

मन को सुकून मिला

आपने आमाके किछु 
साहाज्यो कोरबेन' ? 
उस औरत ने पूछा 
जो सनसनाती हवा में 
पता नहीं कहाँ से आ गयी थी 
जब मैं एक मोड़ पर खड़ा था 

'आमार बेग केवु निये गेछ्ये 
आमि बाड़ी जेतै चाई'
'कितना' - मैंने पूछा 
'एक शो टाका'
और मैंने उसे एक सौ रुपया दे दिया 

वह मुस्कराई, धन्यवाद कहा 
आगे जाकर एक बार फिर 
मुड़ कर देखा 
क्या वह झूठ बोली 
क्या नाम था उसका 
मैंने किसी को राह चलते 
पहली बार सौ रुपया दिया 
खैर ! जो भी हो ( वह सुन्दर थी )
मन को सुकून मिला।   
 


Saturday, April 1, 2023

नहीं रहें अब वो दिन

मन्दिर में शीश नवाने के
सन्तों की बाणी सुनने के
गीता-रामायण पढ़ने के 
यज्ञों में आहुति देने के
नहीं रहें अब वो दिन ? 

माँ-बाप की सेवा करने के 
परिवार के संग में रहने के 
भाई संग भोजन करने के 
बच्चों को गोद खिलाने के 
नहीं रहें अब वो दिन ? 

सत्य मार्ग पर चलने के
फुरसत से बतियाने के 
राही को नीर पिलाने के 
पंछी को दाना देने के
नहीं रहें अब वो दिन ? 

सूर्योदय से पहले उठने के 
शील आचरण पालन के 
गुरुकुल में शिक्षा पाने के 
बड़ों को शीश नवाने के  
नहीं रहें अब वो दिन ?