आपने आमाके किछु
साहाज्यो कोरबेन' ?
उस औरत ने पूछा
जो सनसनाती हवा में
पता नहीं कहाँ से आ गयी थी
जब मैं एक मोड़ पर खड़ा था
'आमार बेग केवु निये गेछ्ये
आमि बाड़ी जेतै चाई'
'कितना' - मैंने पूछा
'एक शो टाका'
और मैंने उसे एक सौ रुपया दे दिया
वह मुस्कराई, धन्यवाद कहा
आगे जाकर एक बार फिर
मुड़ कर देखा
क्या वह झूठ बोली
क्या नाम था उसका
मैंने किसी को राह चलते
पहली बार सौ रुपया दिया
खैर ! जो भी हो ( वह सुन्दर थी )
मन को सुकून मिला।
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