अहंकार को त्याग कर, भक्ति भाव जगाओ।
मर्यादा को अपना कर, मानव -धर्म निभाओ।
स्वार्थ-भाव को दूर कर, जन सेवा अपनाओ।
युवाओं को राह दिखा कर, राष्ट्रभक्त बनाओ।
इस देश को अब फिर से, विश्व गुरु बनाओ।
लोभ-लालच दूर कर, देश को समर्थ बनाओ।
क्लेश -कटुता दूर कर, स्वदेशी भाव जगाओ।
उत्साह संग आगे बढ़, देश का मान बढ़ाओ।
सर्वे भवन्तु सुखिनः संग, सबको सुखी बनाओ।
इस देश को अब फिर से, विश्व गुरु बनाओ।
भोगवाद को दूर कर,सदाचार को अपनाओ।
आत्म निर्भरता प्राप्त कर,सम्पन देश बनाओ।
अनुशासन का पालन कर,आगे बढ़ते जाओ।
वसुधा कुटुम्बकम कह, सबको गले लगाओ।
इस देश को अब फिर से, विश्व गुरु बनाओ।
भेद - भाव को दूर कर, शिक्षा दीप जलाओ।
मोह-वासना त्याग कर, नैतिकता अपनाओ।
सेवा में समरस होकर, परहित भाव जगाओ।
सभी सुखी हो सभी निरोगी,ऐसा देश बनाओ।
इस देश को अब फिर से, विश्व गुरु बनाओ।
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