आनंद और उत्सव
घर आँगन में, आज खुशियाँ आई हैं,
हर दिल में, उमंग की लहरें छाई है,
विवाह का आज, शुभ दिन आया है,
आनंद का उत्सव, घर में छाया है।
अभिषेक के लिए
बचपन में जिसने, मेहनत करनी सीखी,
सपने सच करने की, रीति जिसने सीखी,
वह अभि आज बना परिवार का मान है,
मेहनत से कमाया, इसने बड़ा नाम है।
नानाजी-नानीजी के लिए
नानीजी से पाया, निशदिन प्यार अपार,
उनका स्नेह बना, जीवन का आधार,
नानाजी ने मंत्र दिया, कर्म की पूजा करो,
कलाम जी ने कहा, सपने साकार करो।
दादी जी के लिए
अपनी दादीजी का, सदा रहा तुम प्यारा,
उनकी आँखों का था, तुम एक राजदुलारा,
मम्मी-पापा से प्यार मिला, फूलों जैसा प्यारा,
उनके प्यार दुलार में, महका बचपन तुम्हारा। ।
संयुक्त परिवार के लिए
संयुक्त परिवार हमारा, एक सुन्दर संसार है,
यहाँ रिश्तों में बसता, सब में स्नेह अपार है,
प्यार भरा जीवन यहां, सच्चे सुख का भान है,
हम सब को इस पर, बहुत बड़ा अभिमान है।
दुल्हनिया प्रियांशी के लिए
नई दुल्हनियाँ कल जब, आँगन में आयेगी,
सुख - समृद्धि के घर में, वो दीप जलायेगी,
जीवन सफर में दोनों, सबको देंगे सम्मान,
घर में खिलेगा प्रेम का, सुन्दर एक विहान।
नव दम्पति को आशीर्वाद
बरसे सदा आशीष मेरा, हर दिन लाए बहार,
सफल रहे जीवन तुम्हारा, मिले सुख अपार।
प्यार से रहना दोनों, बहती रहे प्रेम की धारा,
फूलों सा महके सदा, जीवन संसार तुम्हारा।