Tuesday, April 20, 2021

जब मैं नहीं रहूँगा

जब मैं नहीं रहूँगा 
तब कोई नहीं आयेगा 
मेरा नाम लेकर बुलाने 
कि भागीरथ जी 
है क्या घर मे ? 

जब मैं नहीं रहुँगा 
फिर कोई दोस्त 
नहीं आएगा 
मेरे बारे में पूछने 
कभी इस घर में। 

जब मैं नहीं रहूँगा 
गाँव के लोग पुछेंगे 
कहाँ  रह गये 
हम सब के साथी 
क्या छोड़ आये घर में। 

जब मैं नहीं रहूँगा 
कुछ वर्षों बाद 
आगंतुक पूछेंगे 
किस की लगी है 
यह तस्वीर घर में। 


2 comments:

  1. आज कल बस यही माहौल है और यही सोच ... फिर भी सकारात्मक रहें .

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  2. संगीता जी सकारात्मक सोच की तो कोई कमी नहीं है, लेकिन कोरोना महामारी ने जो कहर ढाया है, उसको बयां करना भी मुश्किल हो रहा है। देखते-देखते जवान और वृद्ध सभी चले जा रहें है। परिवार अनाथ हो रहें है। कैसे उनको आज ध्येर्य बँधावोगे। बहुत बड़ी संकट की घड़ी आई है।

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