वह आज मेरे सपने में आई
उसने मेरी तरफ देख पूछा -
'तुम्हारी कविताएँ
इतनी उदास क्यों हैं' ?
मैंने एक फीकी मुस्कान के साथ
उसकी ओर देखा
उसने अपनी नजरे घुमा ली
मेरी कविताओं की पुस्तक
हाथ में लेकर
अपनी लरजती अँगुलियों से
सहलाने लगी
मेरा नया कविता संग्रह
"स्मृति मेघ" था।
वाह! बहुत खूब । हार्दिक शुभकामनाएँ ।
ReplyDeleteहार्दिक आभार आपका।
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