Monday, August 2, 2021

ईश्वर और कवि

ईश्वर और कवि 
दोनों का काम ही 
सृजन करना है 

ईश्वर मनुष्य का 
और कवि कविता का 
सृजन करता है 

कवि खुश होता है 
कविता का सृजन कर के 
होता है उसके प्रति समर्पित 

क्या ईश्वर भी अब 
खुश है अपनी कृति से 
समर्पित है अपनी रचना को ?





12 comments:

  1. विचारणीय । वैसे ईश्वर ने तो बहुत कुछ रचा है

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    1. आप की बात बिलकुल सही है। ईश्वर ने तो बहुत कुछ बनाया है, लेकिन उसकी सबसे सुन्दर कृति तो मनुष्य ही है। आज उसको देख उसे कैसा लग रहा है, यह चार लाइनें इसी सन्दर्भ में है।

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  2. आपकी लिखी रचना ब्लॉग "पांच लिंकों का आनन्द" मंगलवार 03 अगस्त 2021 को साझा की गयी है.............. पाँच लिंकों का आनन्द पर आप भी आइएगा....धन्यवाद!

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  3. आभार आपका यसोदा जी।

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  4. सही नाम इस प्रकार से लिखें --
    भागीरथ कांकाणी

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  5. मानव के रचयिता अपनी रचना की सार्थकता अवश्य ढूँढ रहे होंगे या फिर जरूर उन्हें कठपुतलियों के खेल का शौक होगा...।
    विचारणीय रचना।
    सादर।

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  6. मेरे भावों को समझने के लिए आभार आपका।

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  7. बहुत ही सुंदर सृजन।
    सादर

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  8. अत्यंत ही गहन अभिव्यक्ति ।

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    1. हार्दिक आभार आपका।

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