Monday, April 14, 2025

चांदनी रात में

चांदनी रात में 
जब कोई तारा आकाश से 
टूट कर निचे आता है 
तो मुझे लगता है 
निकला है कोई आँसू 
तुम्हारी आँख से 

लेकिन वह 
नहीं पहुंचता 
मेरे पास 
खो जाता है कहीं  
क्षितिज में 
और मैं इन्तजार 
करते-करते 
चला जाता हूँ 
निंद्रा के आगोश में। 

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