Wednesday, August 13, 2025

युद्धों को रोकना होगा

नगर और शहर
कंक्रीट के जंगल 
बनते जा रहे हैं। 

बहुमंजिले अपार्टमेंट्स 
बड़े-बड़े मल्टीप्लेक्स और 
आवासीय कालोनियां 
बढती जा रही है। 

हरे-भरे पेड़-पौधे
हजारों की तादाद में 
प्रतिदिन कटते जा रहे हैं। 

पेट्रोल और डीज़ल 
चलित वाहन और 
घरों में ऐ. सी. फ्रिज 
दिन-रात जहरीली गैसे
उगल रहें हैं। 

टैंकों, लड़ाकू विमानों
जहाज़ों और हथियार 
उत्पादन करने वाले देश 
भारी मात्रा में 
जीवाश्म ईंधन जला रहे हैं।  

युद्धों के दौरान 
आगजनी और बमबारी से
काला कार्बन और 
ग्रीनहाउस गेसों का 
भारी मात्रा में 
उत्सर्जन हो रहा है।  

उद्योग और ऊर्जा 
बुनियादी ढांचे के 
नष्ट होने से बड़ी मात्रा में 
मीथेन और 
कार्बन डाई आक्साइड 
बढ़ता जा रहा है। 

यही सब कारण है 
जो प्राकृतिक आपदाओं को 
आमंत्रण दे रहें हैं। 

ग्लेशियर पिघलना 
बाढ़ों का आना 
बादल फटना 
भूस्खलन होना 
पहाड़ टूटना 
पानी और हवा का 
प्रदूषित होना 
सब इन्ही कारणों से 
हो रहा है।  
 
यदि मानव जीवन को 
बचाना है तो हमें 
पर्यायवरण को 
बचाना होगा, 
युद्धों को रोकना होगा, 
तभी मानव जीवन 
सुरक्षित रहेगा। 











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