Sunday, August 24, 2025

प्यार का दीप जला कर चलो

प्यार का दीप जला कर चलो
मन-मुटाव सारा मिट जायेगा,
स्नेह को संग सफर बना चलो
जीवन पथ सहज बन जायेगा।

रंग-रूप का घमण्ड मत करो
कंचन - काया धूल हो जाएगी, 
सच्चे कर्मों की  जोत जलाओ
यही  जीवन में काम  आएगी। 

ममता की छाँव को बाँटते रहो
दुख -दर्द सारा मिटता जायेगा,
सदा त्याग की गंगा बहाते रहो
हर दिल फूल बनता  जायेगा।

मन को निर्मल सरोवर बनाओ 
लोभ का मैल सब धुल जायेगा,
भक्ति का दीप जला कर चलो
अन्धकार मिटता चला जायेगा। 


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