मेरे श्वासों की सरगम पर
राग बसंती गाती हो,
जीवन के टूटे तारों पर
गूंज बने लहराती हो।
मेरी यादों में बस कर
सम्बल मेरा बनती हो,
मेरे सपनों में आकर
अधरों से प्यार बहाती हो।
सौलह श्रृंगार सजा कर
नवकुसुम सी खिलती हो,
ख्वाबों में मेरे आकर
मुझ से प्यार जताती हो।
अँधियारी सूनी रातों में
स्मृति दीप जलाती हो,
मेरे मन की पीड़ा पर
बादल बन छितराती हो।
सर्द सुबह धुंध में लिपटी
गर्म अहसास कराती हो,
जीवन की सूनी राहों में
खुशियाँ तुम बरसाती हो।
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