तब रेतीला पानी
मुट्ठी से छितरा जाता था
अब हमने बोतलों में बंद करना
सीख लिया है।
तब नदी समुद्र में जाकर
अपना अस्तित्व खो देती थी
अब हमने नहरें निकालना
सीख लिया है।
तब नदियों में बाढ़ का पानी
तबाही मचा देता था
अब हमने बाँध बनाना
सीख लिया है।
तब वर्षात का जल
प्रदूषित हो कर बह जाता था
अब हमने जल संरक्षण करना
सीख लिया है।
तब हम पानी के
महत्त्व को नहीं समझते थे
अब हमने इसके महत्त्व को
समझ लिया है।
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