क्यों उदासी को गले लगाते हैं
मधुर यादें ताजा कर लीजिए।
क्यों मन को विचलित करते हैं
ताज़ी हवा में योग कर लीजिए।
क्यों नफरत की बातें सुनते हैं
मीठी बातों को संजो लीजिए।
क्यों ग़मों के दर्द से घबराते हैं
मस्ती की चादर ओढ़ लीजिए।
क्यों जीवन में तनहा चलते हैं
प्यारा हमसफ़र बना लीजिए।
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