Tuesday, August 28, 2018

एक मनःस्थिती का चित्रण

तुम्हारी यादें
हर रोज देती हैं मुझे 
बासंती भोर की ताजगी 
पहली बारिश की सुवाश 
पूस की रात सी ठंडक 
अश्विन के दिन सी धुप
जेठ की दुपहरी सी गरमी 
शरद के बादलों सी नरमी 
पूनम की चांदनी सी चमक 
गुलाब के फूलों सी महक 
हर मौसम के संग 
वीराने में जैसे बहार हो आई 
तुम्हारी याद ताजा हो आई। 



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