बेटे के जन्म पर
माँ-बाप बाँटते हैं मिठाइयाँ
ख़ुशी की खबर देने के लिये।
मंदिरों में
भगवान से करते हैं प्रार्थना
बेटे की लम्बी उम्र के लिये।
बीमार पड़ने पर
रातों जागते रहते हैं
बेटे को दवा देने के लिये।
सब तकलीफें
सहकर खुशियाँ ढूँढते हैं
बेटे के उज्ज्वल भविष्य के लिये।
एक-एक पाई जोड़
बेटे को विदेश भेजते हैं
अच्छी पढाई करने के लिये।
पढ़-लिख बेटा
लग जाता हैं वहाँ नौकरी
कर लेता है किसी से शादी
घर बसाने के लिये।
फिर माँ - बाप
तरसते ही रह जाते हैं
बेटे-बहु का मुँह देखने के लिये।
बुढ़ापा में ढूँढते है
कोई अच्छा वृद्धाश्रम
अपना बुढ़ापा काटने के लिये।
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