मैंने तो तुम्हें नहीं बुलाया
न कभी तुम्हें पुकारा
तुम्हीं भीगी बिल्ली की तरह
चुपचाप आ घुसी मेरी पीठ में
और बैठ गई जम कर।
तुम बेहया हो
तुम विषनागिनी हो
तुमने जकड लिया मेरी पीठ को
न जाने तुमने कितनों को
अपने पंजों में जकड़ा होगा
तुम ईर्ष्याग्रस्त हो
अत्याचार कर रही हो।
मैं कहता हूँ
तुम अभी भी चली जाओ
वरना हम ऐसा करेंगे कि तुम्हें
छठी का दूध याद आ जाएगा
अभी भी समय है लौट जाओ
हर्पिस लौट जाओ।
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