शान्तम् सुखाय
Tuesday, March 21, 2023
जय-जय गंगा मईया
पर्वतों को चूमती
लहरों संग मचलती
धरती को सींचती
कलकल करती गंगा
जब हरिद्वार में प्रवेश करती
कोटि-कोटि कण्ठों से गूंजता है
जय-जय गंगा मईया।
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