तरह - तरह के पकवानों से क्या लेना
सबको भर पेट रोटी मिल जाये भैया।
प्रचंड गर्मी से तप रहा है सारा जहान
बादल बरसे तो राहत मिल जाए भैया।
दिल में तुम चाहे जितना राज छुपालो
चहरे का भाव हर बात बतादेगा भैया।
अपनों के तानें सुन छलक जाती ऑंखें
दिल में घुटती रहती है भावनाएं भैया।
मैं तो बेधड़क कह देता हूँ सच्ची बात
पानी पीकर के जात क्या पूछना भैया।
चुन-चुन कर अपराधियों को भेज दिया
अब संसद में रोज धमाल देखिये भैया।
जो ज्ञान गीता और रामायण में बताया
वही ज्ञान तो जीवन का आधार है भैया।
शुद्ध पानी, शुद्ध हवा और शुद्ध भाव
यह सब प्रभु की अनुपम देन है भैया।
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