जन्म-जन्मांतर से
जीवन मिलता रहा
धरा पर आता रहा
जीवन को जीता रहा
हर एक जन्म में
नया नाम मिलता रहा
पलकों में बसाता रहा
ख़्वाबों में जीता रहा
नए परिवारों के संग
रिश्ता जुड़ता रहा
कारवां बढ़ता रहा
मैं बिछुड़ता रहा
कभी मौत से मरा
कभी मार दिया गया
कर्म-फल भोगता रहा
सुख-दुःख सहता रहा
कभी जलाया गया
कभी दफनाया गया
जीवन चक्र चलता रहा
मोक्ष के लिए तड़पता रहा।
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