Tuesday, December 20, 2022

मुझे तुम्हारा साथ चाहिए

रात की मदहोशी 
नींद से जब जगु 
इन्तजार में राह निहारती
तुम्हारी पलकें चाहिए 
मुझे तुम्हारा साथ चाहिए। 

सुबह मॉर्निंग वाक करके 
जब मैं घर लौटू 
नज़रों के सामने मुझे 
तुम्हारा खिलता चेहरा चाहिए 
मुझे तुम्हारा साथ चाहिए। 

दिन भर काम कर के 
थका हारा जब घर लौटू 
दरवाजे पर इन्तजार करती 
तुम्हारी शरबती आँखें चाहिए 
मुझे तुम्हारा साथ चाहिए। 

जीवन के सुरम्य पथ में 
हर कदम- कदम पर 
तुम्हारी खिलती प्राणमयी 
मुस्कान चाहिए 
मुझे तुम्हारा साथ चाहिए। 

थोड़ी सी शराररत 
थोड़ी सी तकरार  
थोड़ा तुम्हारे नरम हाथों का 
स्पर्श चाहिए  
मुझे तुम्हारा साथ चाहिए। 






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