Saturday, December 31, 2022

लव, सेक्स और मर्डर

बेटियां परम्पराएं तोड़ रही है 
लिव इन रिलेशन जी रही है,
                  
                   बिना किसी कमिटमेंट के 
                 क्वाँरी कोख जन्म दे रही है। 
  
शर्मों - हया खत्म हो रही है 
हैवानों के जाल फंस रही है,
                
                 मान - इज्जत  ताक में रख 
                रिश्ते-नाते सब तोड़ रही है। 

जीवन दांव पर लगा रही है
अपना धर्म भी छोड़ रही है,    
               
                प्यार का  बुख़ार उतरते ही 
               घर से बेघर होती जा रही है।  

आबरू कलंकित हो रही है 
ऐसिड से जलाई जा  रही है
              36 टुकड़ों में कटने का दर्द 
               कलम लिख नहीं पा रही है। 



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