अगर आगे बढ़ना है
तो नया कुछ करने से
डर कैसा ?
जीवन में जीत-हार
तो सदा मिलती रही है
जीत जहां सफलता है
हार वहाँ सीख है।
हिम्मत के साथ
नई शुरूआत करो
जीवन तो खेल ही
खतरों का है।
क्या खतरों के डर से
लड़ना छोड़ दोगे
क्या मौत के डर से
जीना छोड़ दोगे ?
सदा सकारात्मक सोच
के साथ आगे बढ़ो
सफलता कदम चूमेगी
मन में यह विश्वास रखो।
नववर्ष मंगलमय हो सभी के लिए सपरिवार | सुंदर रचना|
ReplyDeleteधन्यवाद। नववर्ष की शुभकामनाएं।
Deleteक्या मौत के डर से
ReplyDeleteजीना छोड़ दोगे?
-नहीं
बढ़िया रचना
वाह!सुन्दर सृजन ।नववर्ष की हार्दिक शुभकामनाएँ।
ReplyDeleteजीवन तो खेल ही खतरों का है। जीने की इच्छा हर संकट का सामना करना सिखा देती है। नववर्ष की शुभकामनाएँ। सादर।
ReplyDeleteआप सभी का आभार। नव वर्ष की शुभकामनाएं।
ReplyDeleteकोशिशों का खेल है दुनिया में।सकारात्मक सोच के लिए प्रेरित करते उद्गार!
ReplyDeleteनववर्ष आपके लिये शुभ हो, मंगलमय हो 🙏🙏🌹🌹🌺🌺
क्या मौत के डर से
ReplyDeleteजीना छोड़ दोगे?
बहुत सुंदर प्रेरक सृजन ।
वाह!!!