दीवाली पर उम्मीदों के पंख लगाना है,
थके हुए कदमों की पीड़ा को हरना है,
आशा की किरणों को मुट्ठी में भरना है,
हर पनीली आँखों में स्वपन सजाना है,
टीका लगा कोरोना को दूर भगाना है।
हर घर खुशियों के अब दीप जलाना है,
सारे कष्टों को भूल अब जोश जगाना है,
निराशा के अन्धकार से बाहर आना है,
हर दिल में आशा की किरण जगाना है,
टीका लगा कोरोना को दूर भगाना है।
चिंता और दुःखों से अब मुक्ति पाना है,
मिलने-मिलाने के दिन फिर से लाना हैं,
बाधाओं की दीवारों को आज तोड़ना है,
जीवन में बहारों को फिर से सजाना है,
टीका लगा कोरोना को दूर भगाना है।
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