चौकड़ी भरती
चली आती तुम्हारी यादें
कस्तूरी मृग की तरह।
मार छलाँग
गुम हो जाता चैन
खरगोश की तरह।
फुर्र हो जाती नींद
चिड़ियों की तरह।
यादों संग
धड़कता दिल
मेघों की तरह।
शब्दों से परे
मन में उमगते भाव
सरिता की तरह।
महक उठती
प्यार भरी यादें
खुशबू की तरह।
उमड़ पड़ता
निश्छल प्रेम
लहरों की तरह।
दिल में बसी
प्यारी मुस्कराहट
खुशबू की तरह।
काश !
तुम ही चली आती
चौकड़ी भरती
यादों की तरह।
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