आप अपने
आप से हट कर
दूसरे के बारे में सोचें
पूरी तरह से दूसरे में
रुचि ले।
उस पर
तरह- तरह से शक करें
शक की निगाह से देखें
शक को पैदा करें।
थोड़ी देर बाद
आप देखेंगे कि आप
अपने आप से दूर हो गए
आप का मन
इस समय पूरी तरह से
दूसरे में रूचि ले रहा है
अब आप
आनंद का अनुभव
कर रहे हैं
आप जब तक चाहे
इस अवस्था में बैठे रहें
जब आप को
समाधि से उठना हो
आप अपने आप से कहें
"जाने दो अपना क्या लिया"
और इसके साथ
अपने दोनों हाथों की
हथेलियों को रगड़ कर
अपनी आँखों पर रख लें
आप अनुभव करेंगे
कि आप का मन
अखंड आनंद से
अभिभूत हो गया है।
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