आकाश उसी का होता है
जो वहाँ उड़ान भरता है,
समुद्र उसी का होता है
जो वहाँ दोहन करता है।
सूरज उसी का होता है
जो उससे ऊर्जा लेता है,
चाँद उसी का होता है
जो वहाँ तक पहुंचता है।
सौरभ उसी की होती है
जो उसे ग्रहण करता है,
आनंद उसी का होता है
जो उसे अनुभव करता है।
स्वप्न उसी का होता है
जो उसको देखता है,
मंजिल उसी की होती है
जो वहाँ पहुँचता है।
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