नारी ने घर का काम किया
वहाँ क्या खोया-क्या पाया
क्या सुख-दुःख भोगा लिखूँ
कैसे उसका हिसाब लिखूँ ?
कितनी बार चूल्हा जलाया
कितनी रोज रोटियाँ बेली
क्या बच्चों के टिफिन लिखूँ
कैसे उसका हिसाब लिखूँ ?
कितनी बार खाना परोसा
कितना ठंडा-बासी खाया
क्या पानी भरने का लिखुँ
कैसे उसका हिसाब लिखूँ ?
कितनी बार झाड़ू लगाया
कितना बर्तन साफ़ किया
क्या कपड़ों का धोना लिखुँ
कैसे उसका हिसाब लिखूँ ?
कितना बिस्तर रोज लगाया
कितने जन रूठों को मनाया
क्या बच्चे जन्म पीड़ा लिखूँ
कैसे उसका हिसाब लिखूँ ?
कितना उसका वेतन लिखूँ
कितना ओवरटाइम लिखूँ
क्या दाम्पत्य का मोल लिखूँ
कैसे उसका हिसाब लिखूँ ?
सुन्दर प्रस्तुति
ReplyDelete