Wednesday, November 23, 2022

हल्की गुलाबी ठण्ड

हल्की गुलाबी ठण्ड 
दस्तक देने लगी है 
स्वेटर, मफलर, कोट 
बाहर निकलने लगे हैं। 

ठंडी-ठंडी सुबह संग 
कंपकंपी रातें आई हैं 
हवा भी रंग दिखाने 
साजिस रचने लगी है। 

पेड़ों के पुराने पत्ते 
झर-झर गिरने लगे हैं 
रंग-बिरंगे फूल अब 
घरों में खिलने लगे हैं। 

आलू, मटर के परांठे 
थाली में सजने लगे हैं 
गाजर का हलवा भी 
खुशबू बिखेरने लगा है। 

गजक, मूंगफली, रेवड़ी 
घरों में आने लगी हैं  
चाय की प्यालियाँ भी 
होठों को छूने लगी हैं। 

ताजा गाजर, मूली भी 
बाजार में आने लगी है 
दुपहरिया में खाने का 
अब मजा देने लगी है। 

शाम होते ही घरों में 
सिगड़ी जलने लगी है 
धुंध  में  लिपटी  रातें
रजाई में घुसने लगी हैं । 
 




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