Monday, June 27, 2022

तुम्हारा मेरे पास आना

तुम्हारा मेरे पास आना 
गंगा किनारे ठंडी हवा 
का झोंका है 

तुम्हारा मेरे पास आना 
सावन की बरखा की 
पहली फुंहार है 

तुम्हारा मेरे पास आना 
सूखे ठूँठ में कोपलें  
फूटना है 

तुम्हारा मेरे पास आना 
गहन अन्धकार में 
ज्योतिपुंज है 

तुम्हारी यादों संग 
मेरे पास उड़ने लगते हैं 
गीतों के कुछ बोल 

जिनकी गुनगुनाहटों में 
झांक जाती हो तुम 
निभाने अपना कोल। 

No comments:

Post a Comment