तुम्हारा मेरे पास आना
गंगा किनारे ठंडी हवा
का झोंका है
तुम्हारा मेरे पास आना
सावन की बरखा की
पहली फुंहार है
तुम्हारा मेरे पास आना
सूखे ठूँठ में कोपलें
फूटना है
तुम्हारा मेरे पास आना
गहन अन्धकार में
ज्योतिपुंज है
तुम्हारी यादों संग
मेरे पास उड़ने लगते हैं
गीतों के कुछ बोल
जिनकी गुनगुनाहटों में
झांक जाती हो तुम
निभाने अपना कोल।
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