Monday, May 16, 2022

जल ही जीवन है

तब रेतीला पानी 
मुट्ठी से छितरा जाता था 
अब हमने बोतलों में बंद करना 
सीख लिया है। 

तब नदी समुद्र में जाकर 
अपना अस्तित्व खो देती थी 
अब हमने नहरें निकालना 
सीख लिया है। 

तब नदियों में बाढ़ का पानी 
तबाही मचा देता था 
अब हमने बाँध बनाना 
सीख लिया है। 

तब वर्षात का जल 
प्रदूषित हो कर बह जाता था 
अब हमने जल संरक्षण करना 
सीख लिया है। 

तब हम पानी के 
महत्त्व को नहीं समझते थे 
अब हमने इसके महत्त्व को 
समझ लिया है। 





मेरे श्वासों की सरगम पर

मेरे श्वासों की सरगम पर 
राग बसंती गाती हो, 
जीवन के टूटे तारों पर 
गूंज बने लहराती हो। 

मेरी यादों में बस कर 
सम्बल मेरा बनती हो,  
मेरे सपनों में आकर
अधरों से प्यार बहाती हो। 

सौलह श्रृंगार सजा कर 
नवकुसुम सी खिलती हो,
ख्वाबों में मेरे आकर 
मुझ से प्यार जताती हो। 

अँधियारी सूनी रातों में 
स्मृति दीप जलाती हो,
मेरे मन की पीड़ा पर 
बादल बन छितराती हो। 

सर्द सुबह धुंध में लिपटी 
गर्म अहसास कराती हो, 
जीवन की सूनी राहों में 
खुशियाँ तुम बरसाती हो। 




Sunday, May 8, 2022

सरगोशियाँ करने को हवाएं आती है

सरगोशियाँ करने को हवाएं आती है, 
खुद बैठ कर परिवार तोड़ जाती है। 

जो अपने रिश्तों को निभा सकते नहीं 
वो दूसरों को रिश्ता निभाने देते नहीं। 

किसी का परिवार टूटता है टूटता रहे, 
वो तो अपना स्वार्थ साधने में लगे रहे। 

अपने ही जब तोड़ने लगे तो क्या करें,
अपनों की शिकायत भी किससे करें।  

दिल में रहने वाले ही दिल तोड़ देते हैं,
भरोसे की आस्था को झकझोर देते हैं। 

मैं आँखों के अश्क खुद पोंछ लेता हूँ 
चुप रह कर सिसकियाँ  रोक लेता हूँ।