Saturday, June 29, 2024

जीवन चक्र

जन्म-जन्मांतर से 
जीवन मिलता रहा 
धरा पर आता रहा 
जीवन जीता रहा 

हर एक जन्म में 
नया रूप मिलता रहा 
नया रिश्ता जुड़ता रहा 
भोगो में फंसता रहा 

अजरता मांगता रहा 
बुढ़ापा मिलता रहा 
मृत्यु वरण करता रहा 
प्रारब्ध को भोगता रहा

कभी जलाया गया 
कभी दफनाया गया 
सदा मिट्टी में मिलता रहा 
जीवन चक्र चलता रहा। 




Friday, June 21, 2024

गज़लें

तरह - तरह के पकवानों से क्या लेना 
सबको भर पेट रोटी मिल जाये भैया। 

प्रचंड गर्मी से तप रहा है सारा जहान 
बादल बरसे तो राहत मिल जाए भैया। 

दिल में तुम चाहे जितना राज छुपालो 
चहरे का भाव हर बात बतादेगा भैया। 

अपनों के तानें सुन छलक जाती ऑंखें 
दिल में घुटती रहती है भावनाएं भैया। 

मैं तो बेधड़क कह देता हूँ सच्ची बात 
पानी पीकर के जात क्या पूछना भैया। 

चुन-चुन कर अपराधियों को भेज दिया 
अब संसद में रोज धमाल देखिये भैया। 

जो ज्ञान गीता और रामायण में बताया 
वही ज्ञान तो जीवन का आधार है भैया।  

शुद्ध पानी,  शुद्ध हवा और शुद्ध भाव 
यह सब प्रभु की अनुपम देन है भैया। 


 


Monday, June 17, 2024

यादों के शेर

तुम तो चंद दिनों की खुशियां देकर चली गई, 
तुम्हारा कुछ नहीं बिगड़ा मुझे तन्हा कर गई।  

कोशिश बहुत की मगर तुम्हें भूल नहीं पाया,
मिलने की चाहत दिल से निकाल नहीं पाया। 

आसमां में सितारें बहुत है मगर चाँद चाँद है,
हसीनाएं तो बहुत है मगर आप जैसी कहाँ है। 

बचपन से साथ रही,अब तन्हा रहना मुश्किल है 
छवि उतर गई दिल में अब मिटाना मुश्किल है।  

प्रयत्न करता हूँ कि अब मुझे खूब नींद आये, 
नींद संग सपने आये और सपने में तुम आये। 

प्रभु से प्रार्थना करूँगा सदा खुश रखे तुमको, 
मैं तो स्वर्ग जाकर भी प्रभु से मांगूगा तुमको। 






Monday, June 3, 2024

वोटर को ख़ुश रखता हूँ

मैं गाँधी परिवार का 
असली वारिश हूँ 
आप मुझे शहजादा कहे 
चाहे पप्पू कहे 
मैं असली उत्तराधिकारी हूँ। 

मैं हर आदमी को 
वोटर की नजर से देखता हूँ 
फिर चाहे वो हिन्दू हो, 
मुसलमान हो या क्रिश्चियन हो 
चाहे गरीब हो या धनवान हो 
वह मेरी नजरों में सदा 
एक वोटर बना रहता है। 

मुझ में बेसुमार हुनर है 
मैं तिल का ताड़ बना  सकता हूँ 
झूठ को सच बना सकता हूँ 
मैं चुटकी बजा कर 
आलू से सोना बना सकता हूँ। 

मैं मिनटों में गरीब को 
अमीर बना सकता हूँ 
खाते में खटाखट-खटाखट
रुपये जमा करा सकता हूँ। 

मैं हर नेता की बात काटता हूँ 
अपने वादों का पहाड़ जोड़ता हूँ 
मैं मुंगेरीलाल के सपने दिखा 
वोटर को ख़ुश रखता हूँ।