तुम हो मेरे जीवन साथी
साथ - साथ चलते रहना,
अगर कहीं मैं थक जाऊं
हाथ पकड़ बढ़ते रहना।
मैं हूँ नादां समझ नहीं है
तुम थोड़ा समझा देना,
अगर कहीं मैं भूल करूँ
तुम अनदेखी कर देना।
जैसे चन्दन में सुगंध बसे
मेरे जीवन में तुम बसना,
कभी न छूटे साथ हमारा
स्वप्न सलोने बुनते रहना।
एक ही मंजिल है दोनों की
मुश्किल में हिम्मत रखना,
प्यार भरा रिश्ता है अपना
जीवन भर साथ निभा देना।
अगर कहीं मैं थक जाऊं
हाथ पकड़ बढ़ते रहना।
मैं हूँ नादां समझ नहीं है
तुम थोड़ा समझा देना,
अगर कहीं मैं भूल करूँ
तुम अनदेखी कर देना।
जैसे चन्दन में सुगंध बसे
मेरे जीवन में तुम बसना,
कभी न छूटे साथ हमारा
स्वप्न सलोने बुनते रहना।
एक ही मंजिल है दोनों की
मुश्किल में हिम्मत रखना,
प्यार भरा रिश्ता है अपना
जीवन भर साथ निभा देना।
( यह कविता "स्मृति मेघ" में प्रकाशित हो गई है। )