Sunday, May 26, 2024

मंत्र जप करने की विधि



                                                     मंत्र जप करने की विधि

मंत्र जप करना विज्ञान और आध्यात्मिकता का एक सुंदर मिश्रण है। यह हमारे मानसिक और आध्यात्मिक कल्याण दोनों को लाभ पहुंचाता है। हिंदू मान्यता के अनुसार मंत्रों का जप करना, ब्रह्मांड की दिव्य आवृत्ति से जुड़ने की एक कला है। हनुमान मंत्रों का जाप करना, केवल शब्दों का जाप करना ही नहीं है, अपितु यह आंतरिक शक्ति, विश्वास और भक्ति की खोज है।  हनुमानजी के मंत्रों का जाप करना एक नई महाशक्ति से जुड़ने जैसा ही है। 

स्थान का चयन करें : --

सबसे पहले एक स्वच्छ और शांतिपूर्ण स्थान का चयन करना चाहिए । यह आपके घर का आरामदायक कोना हो सकता है या पार्क में आपके पसंदीदा पेड़ के नीचे की जगह हो सकती है। पास के किसी मंदिर में जाकर या हनुमान जी की किसी मूर्ति के सामने बैठ कर आप जप कर सकते हैं। जप के समय शुद्ध वस्त्र धारण करें और शांत मन से बैठ कर जप करें।  

लक्ष्य तय करें :--

शुरू करने से पहले एक पल के लिए सोचें कि आप मंत्र से क्या प्राप्त करना चाहते हैं। क्या यह शक्ति, शांति या सफलता के लिए है ? अपना उद्देश्य तय करें और उसी के अनुसार मंत्र का चयन करें। 

जप अनुष्ठान : --

आराम से बैठ कर गहरी साँस लें और अपने मन को एकाग्र करें।  अपनी पसंद का मंत्र जपना शुरू करें।  ध्यान रखें कि मंत्र का उच्चारण महत्वपूर्ण है, लेकिन उस्ले लिए बहुत ज़्यादा तनाव न लें।  मन की भक्ति अधिक मायने रखती है। 

कितनी बार :--

परंपरागत रूप से, मंत्र को 108 बार दोहराना शक्तिशाली माना जाता है। मंत्र का जाप करते समय उपयुक्त माला का चयन करें। आप तुलसी की माला, रुद्राक्ष की माला, लाल चंदन की माला या प्रार्थना माला का उपयोग कर सकते हैं। 

कल्पना करें :--

मंत्रोच्चार करते समय हनुमानजी की मन में कल्पना करें या फिर मंत्र की ध्वनि पर ध्यान केंद्रित करें। मंत्र के शब्दों को महसूस करें, उन्हें अपने भीतर गूंजने दें।

आभार के साथ समापन करें :--

एक बार जब आप जप समाप्त कर लेते हैं तो हनुमानजी का आभार व्यक्त करने के लिए एक क्षण का समय लें। एक सरल "धन्यवाद हनुमानजी आपके आशीर्वाद के लिए" बोल कर समापन करें। कृतज्ञता एक शक्तिशाली समापन है। 

स्थिरता महत्वपूर्ण है :--

हनुमान जी के मंत्र का नियमित जाप करके हम आनंदमय और समृद्धशाली जीवन का आनंद उठा सकते हैं।हनुमान मंत्र हमें कष्टों का निवारण करने, बुरी नजर से सुरक्षा प्रदान करने, सभी कार्यों में सफलता प्राप्त करने में सहायता करते हैं।  

         

                                मंत्र जप के पीछे का विज्ञान और आध्यात्म 


ध्वनि और कंपन का विज्ञान :--

जब हम मंत्रों का जप करते हैं, तो हम सिर्फ़ शब्द ही नहीं बोलते, हम साथ-साथ कंपन भी पैदा करते हैं। ये कंपन हमारे मन और शरीर पर, शांत प्रभाव डालते हैं। यह मस्तिष्क के लिए आराम दायक होते हैं।  

मज़ेदार तथ्य :--

मंत्र जाप से ध्वनि तरंगे निकलकर अतंरिक्ष में व्याप्त तरंगों से अणु-परमाणुओं से मिलकर ऊर्जा का विस्फोट करती है, तब मंत्र जाप से उत्पन्न ध्वनि शक्ति तीव्रता के साथ अतंरिक्ष के अणु-परमाणुओं को कंपाती हुई ध्यान वाले स्थान तक पहुचं जाती है। ये कंपन हमारे मन और शरीर पर शांत प्रभाव डालते हैं। यहां तक ​​कि मस्तिष्क की तरंगों के पैटर्न को भी बदल सकते है। यह एक दिमाग की शक्ति है। 

आध्यात्मिक संबंध :--

माना जाता है कि मंत्रों का जाप मन को एकाग्र करने में मदद करता है। इससे आंतरिक शांति और उच्च शक्ति से जुड़ाव की भावना पैदा होती है। यह आत्मा के लिए एक आध्यात्मिक कसरत है। आध्यात्मिक परंपराओं में, मंत्रोच्चार को ईश्वर से जुड़ने का एक माध्यम माना गया है। 

मंत्र और ध्यान :--

मंत्रों का जाप माइंडफुलनेस मेडिटेशन का एक रूप है। मंत्र पर ध्यान केंद्रित करने से, मन को भटकने से रोकने में सहायता मिलती है। यह एकाग्रता की शक्ति है। जिससे मन वर्तमान क्षण में स्थिर रहता है। यह मंत्र जप बढ़ाने में भी सहायता करता है।

सामूहिक जप की शक्ति :--

एक साथ मंत्रोच्चार करने से अविश्वसनीय रूप से शक्तिशाली और उत्थानकारी सफलता मिलती है। यह सामूहिक ऊर्जा समुदाय और अपनेपन की एक मजबूत भावना पैदा कर सकती है। यह एक आध्यात्मिक गायन मंडली का हिस्सा होने जैसा होता है। विभिन्न आध्यात्मिक परंपराओं में सामूहिक जप का प्रयोग अक्सर सांप्रदायिक बंधन को बढ़ाने और आध्यात्मिक अनुभव को, सामूहिक रूप से उन्नत करने के लिए किया जाता है।

दैनिक जीवन पर प्रभाव :---

नियमित मंत्र जाप आपके दैनिक जीवन में शांति और स्पष्टता की भावना लाता है। यह तनाव और चिंता के खिलाफ एक गुप्त हथियार की तरह है। यह धैर्य, करुणा और जीवन के प्रति अधिक सकारात्मक दृष्टिकोण को बढ़ावा देता है। इसके लिए घंटो समय बिताने की जरुरत नहीं है। मंत्र जाप के कुछ मिनट भी लाभकारी हो सकते है। इसे अपनी सुबह की दिनचर्या या सोने से पहले अपनी सुविधनुसार जोड़ सकते हैं। 

प्रो टिप : --

अलग-अलग मंत्रों के साथ प्रयोग करते रहें और वह मंत्र खोजें जो आपके साथ सबसे ज़्यादा मेल खाता हो। यह सब व्यक्तिगत जुड़ाव और आराम के बारे में है। उपरोक्त सभी मन्त्र आपके पास है। आप इनमें से अपना मन्त्र निर्धारित कर सकते हैं।  





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