Wednesday, September 4, 2024

तुम्हें भेजूंगा लिख कर

गंगा के कलकल स्वर को  
कानों में भर कर 

हिमालय की सुंदरता को  
आँखों में सजा कर 

रजनीगंधा की महक को 
साँसों में भर कर 

प्यारी मदहोशी यादों को 
दिल में संजो कर 

भेजूंगा एक कविता को 
तुम्हें लिख कर।