कितना मोहक था वो समय
जो हमने साथ-साथ बिताया,
हाथों में हाथ डाल कर
क़दमों से कदम मिलाया।
सारी दुनिया को भूल कर
हम खो जाते थे सपनों में,
प्यार सदा परवान चढ़ा
एक दूजे की बाहों में।
नशीली थी तुम्हारीआँखें
देख कर पगला जाता मैं,
तुम्हारे कन्धों पर सिर रख
सुध - बुध भूल जाता मैं।
कितना मदभरा था समय
जब चांदनी रातें होती थी,
मेरी गोदी में सिर रख
तुम आँखें मूंद सो जाती थी।
मस्त जीवन था हमारा
आज सब सपना बन गया
तुम बिछुड़ गई सर-ऐ-राह
मेरा जीवन तन्हा रह गया।