बहुमंजिले अपार्टमेंट्स
बड़े-बड़े मल्टीप्लेक्स
आवासीय कालोनियाँ और
बड़े-बड़े भवनों का निर्माण
निरंतर होता जा रहा है।
नगर और शहर
कंक्रीट के जंगल
बनते जा रहे हैं।
हरे-भरे पेड़-पौधे
हजारों की तादाद में
प्रतिदिन कटते जा रहे हैं।
पेट्रोल - डीज़ल चलित
वाहन और घरों में लगे
ऐ. सी. और फ्रिज
दिन-रात जहरीली गैसे
उगल रहें हैं।
टैंकों, लड़ाकू विमानों
जहाज़ों और हथियार
उत्पादन करने वाले देश
भारी मात्रा में निरंतर
जीवाश्म ईंधन जला रहे हैं।
युद्धों के दौरान
आगजनी और बमबारी से
काला कार्बन और
ग्रीन हाउस गेसों का
भारी मात्रा में
उत्सर्जन हो रहा है।
उद्योग और ऊर्जा के
बुनियादी ढांचे के
नष्ट होने से वातावरण में
बड़ी मात्रा में मीथेन और
कार्बन डाई आक्साइड
उत्सर्जित हो रही है।
यही सब कारण
प्राकृतिक आपदाओं को
आमंत्रण दे रहें हैं।
ग्लेशियरों का पिघलना
बाढ़ों का आना
बादल का फटना
भूस्खलन का होना
पहाड़ का टूटना
पानी और हवा का
प्रदूषित होना
सब इन्ही कारणों से
हो रहा है।
यदि मानव जीवन को
बचाना है तो हमें
पर्यायवरण को
बचाना होगा,
युद्धों को रोकना होगा,
परमाणु आयुधों को
ख़त्म करना होगा,
तभी मानव जीवन
सुरक्षित रहेगा।