बड़े बुजर्गों ने फरमाया कि
परिवार के साथ रहो
अकेले मत रहो
अकेले रहते हो तो
ज्यादा दिन
ज्यादा दिन
घर से बाहर मत रहो
ज्यादा दिन बाहर
रहने से घर
बिखर जाता है
रहने से घर
बिखर जाता है
लेकिन उसने
बुजुर्गो की सीख पर
ध्यान नहीं दिया
अकेला रहने लगा
कईं दिनों के बाद
घर आने लगा
कईं दिनों के बाद
घर आने लगा
एक दिन वही हुवा
जो बुजर्गों ने कहा था
आज घर बिखर गया था
पड़ोसियों ने बताया
"वो" किसी के साथ
चली गई
चली गई
गहने कपड़े भी
ले गई
ले गई
बैंक बैलेंस भी
साफ़ कर गई
साफ़ कर गई
अब वंहा घर नहीं था
सूना मकान था और
उम्र भर का पछतावा था।
कोलकत्ता
२२ सितम्बर, २०१०