टेढ़ी -मेढ़ी कुछ खीँच लकीरे`
कृष्णा ने एक चित्र बनाया
चित्र देख मैंने जब पूछा
उसने मुझक यों समझाया
लाल रंग जहाँ बिखरा था
लाल रंग जहाँ बिखरा था
उसने उसको भोर बताया
काला रंग जँहा छितरा था
उसको काजल कोर बताया
हरा रंग धरती का आँचल
पेड़ों को उसने बतलाया
नीला रंग जँहा फैला था
उसको गंगा जल बतलाया
गायों को चरते दिखलाया
चिड़ियों को उड़ते बतलाया
टेढ़ी -मेढ़ी कुछ खीँच लकीरे
टेढ़ी -मेढ़ी कुछ खीँच लकीरे
कृष्णा ने एक चित्र बनाया।
कोलकत्ता
१ सितम्बर, २०१०
(यह कविता "कुमकुम के छींटे" नामक पुस्तक में प्रकाशित है )
(यह कविता "कुमकुम के छींटे" नामक पुस्तक में प्रकाशित है )
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