पहले भूकंप आया
भू-गर्भ थरथरा गया
अपने गए, घर गया
सारे सपने मिटा गया
पीछे सुनामी आया,
लहरों का जलजला लाया
हर तरफ कहर बरपा गया
गांव और शहरों को लील गया
फौलादी परमाणु रिएक्टर ढह गया
हवा के कण कण में जहर घुल गया
फौलादी परमाणु रिएक्टर ढह गया
हवा के कण कण में जहर घुल गया
पूरे जापान हिला गया
रामजी ये क्या कर दिया ?
कोलकत्ता
९ अप्रैल, २०११
(यह कविता "कुमकुम के छींटे" नामक पुस्तक में प्रकाशित है )
कोलकत्ता
९ अप्रैल, २०११
(यह कविता "कुमकुम के छींटे" नामक पुस्तक में प्रकाशित है )
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