Wednesday, August 14, 2013

गर्व है तुम्हारे ऊपर


अनजाना देश
अनजाने लोग
अनजानी भाषा
गजब की हिम्मत
तुमने दिखाई

हम सब को गर्व है
तुम्हारे ऊपर कि तुमने
इतनी हिम्मत दिखाई

नर्सो की बात को
समझना और उनको
वापिस उत्तर देना तुम्हारे
लिए रोजमर्रे की बात थी

नर्सो के साथ
उनके घर - परिवार की
सुख -दुःख की बात करना
तुम्हारे लिए सहज बात थी

नर्स से तुम रोज
उनके गीत सुनती
अपने गीत उन्हें सुनाती
अफ्रीकी नर्स तो रोज डांस करती

तुम डाक्टर को
अपने बारे में बताती
उनसे सब कुछ पूछती
तुम निःसंकोच बात करती

इतनी बड़ी अस्पताल में
स्वयं जांच करवाने जाती
अकेली रुम में रहती

हमें गर्व है तुम्हारे ऊपर
अनजाने देश में भी तुम
बेधड़क रहती।

NO




















7 comments:

  1. कल 18/08/2013 को आपकी पोस्ट का लिंक होगा http://nayi-purani-halchal.blogspot.in पर
    धन्यवाद!

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  2. अपनों से दूर जा बसने के भी अपने संघर्ष हैं ...... सुंदर लिखा है ...

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  3. आपकी टिप्पणी मेरे लिए बहुत मूल्यवान है. आपकी टिप्पणी के लिए आपका बहुत आभार.

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  4. Yes,hamen garv hai bai par!! Nice poem!!

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  5. स्वागत आपका.

    (हम यहाँ उपचार हेतु आये हुए है)

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