आ भायळा चोपड़ खेलां
टाबर पण का खेल खेलां
धरम चबूतर चोपड़ खेलां
सगळा साथी सागै खेलां
पैळी जाजम ल्याय बिछावां
पछ चौपड़ ल्याय जमावां
च्यार जणा नै भिड़ी बाँटा
काली-पीळी गोट्या छाँटा
हरी हरावे, लाल जितावै
काली पीली पासो ल्यावै
कोड्या फैंका पासो ल्यावा
दाँव-दाँव पर होड़ लगावां
मन चायो पासो ल्यावां
पौ बारा पच्चीस लगावां
एक दूजा के ळारै भागा
पीछ पड़ कर गौटी मारा
जमा गोटियाँ तोड़ करावां
काढ बावळी खेल बढावां
प्यारो खेल खेलता जावां
हार-जीत पर सौर मचावां।
[यह कविता "एक नया सफर" नामक पुस्तक में प्रकाशित हो गई है। ]
टाबर पण का खेल खेलां
धरम चबूतर चोपड़ खेलां
सगळा साथी सागै खेलां
पैळी जाजम ल्याय बिछावां
पछ चौपड़ ल्याय जमावां
च्यार जणा नै भिड़ी बाँटा
काली-पीळी गोट्या छाँटा
हरी हरावे, लाल जितावै
काली पीली पासो ल्यावै
कोड्या फैंका पासो ल्यावा
दाँव-दाँव पर होड़ लगावां
मन चायो पासो ल्यावां
पौ बारा पच्चीस लगावां
एक दूजा के ळारै भागा
पीछ पड़ कर गौटी मारा
जमा गोटियाँ तोड़ करावां
काढ बावळी खेल बढावां
प्यारो खेल खेलता जावां
हार-जीत पर सौर मचावां।
[यह कविता "एक नया सफर" नामक पुस्तक में प्रकाशित हो गई है। ]
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