Sunday, September 29, 2013

नीम का पेड़


नीम के पेड़ की
शीतल बयार
शुद्ध हवा

पंछियों का बसेरा
गिलहरियों का फुदकना
चिड़ियों का चहचहाना

लल्लन का पालना
छुटकी का झुला
कोयल का घोंसला

सब मेरे देखते-देखते
अतित बन गया
पेड़ धराशाही हो गया

कुल्हाड़ी के लगते ही
पेड़ कांप उठा था
पत्ती-पत्ती सिहर उठी थी

आरे के चलते ही पेड़ में
दर्द का दरिया फुनगी से
जड़ो तक बह गया था

मेरे देखते-देखते एक
हरे-भरे पेड़ का
अंत हो गया था। 



[ यह कविता "एक नया सफर " पुस्तक में प्रकाशित हो गई है। ]










Saturday, September 28, 2013

Special Tips for nose relief

Allergy Relief

If you have seasonal allergies,consider a lowcost nasal rinse. Mix 3 teaspoons of iodine - free salt with 1 teaspoon of baking soda. Add 1 teaspoon of  that to 8 ounces of lukewarm distilled or boiled water, then use a bulb syringe to irrigate your nostrils.

Thursday, September 5, 2013

बौना हो जाता है बुढ़ापा


(१ )
बुढ़ापे में बाप
अपने बेटो से नहीं पूछता -
दवाईयां नहीं लाने की वजह या
चश्मे की फ्रेम नहीं बनने का कारण
वो अपने फट्टे हुए कमीज के
साथ-साथ मुंह पर भी पैबंद
लगा लेता है।

(२ )
बच्चे बुढ़े माँ-बाप को
कम समझदार और स्वयं को
अधिक समझदार समझते है
इसलिए घर में जब दोस्त आते हैं
उनको कमरे में बैठने की
सलाह दी जाती है।

(३ )
बुढ़ापा एक कमरे में
सिमट कर रह जाता है
झड़ जाते है दिन और
बदल जाता है वक्त
अपने बच्चों के सामने ही
बौना हो जाता है बुढ़ापा।

    

Monday, September 2, 2013

एक नन्ही परी


एक नन्ही  परी सी 
गुलाब की कली सी
अपनी भाषा में कुछ बोलती 
हँसती मुस्कराती मधु घोलती

एक नन्ही परी  सी
मिसरी की डली सी
लघु पांवों पर खड़ी होती
पकड़ खाट थोड़ी सी चलती

एक नन्ही परी सी
प्यारी राजदुलारी सी 
घर में किलकारियां भरती
गोदी में अठखेलियाँ करती 
   
एक नहीं परी सी
हँसती सूरजमुखी सी
  अति कोमल नाजुक सी
  भोली-भाली गुड़िया सी

एक नन्ही परी सी
प्यारी छुई-मुई सी
बाहर जाने को खूब मचलती
 बाहर जाकर खुश  हो जाती

एक नन्ही परी सी
कोई नहीं आयशा सी।

(राजश्री-मनीष की बेटी आयशा और मेरी लाडली पोती "नागड़ी " जो नौ महीने की हो गयी है। उसकी अठखेलियाँ देख कर कुछ लिखने का मन बना।  ) 



[ यह कविता  "एक नया सफर " में प्रकाशित हो गई है। ]