(१ )
बुढ़ापे में बाप
अपने बेटो से नहीं पूछता -
दवाईयां नहीं लाने की वजह या
चश्मे की फ्रेम नहीं बनने का कारण
वो अपने फट्टे हुए कमीज के
साथ-साथ मुंह पर भी पैबंद
लगा लेता है।
(२ )
बच्चे बुढ़े माँ-बाप को
कम समझदार और स्वयं को
अधिक समझदार समझते है
इसलिए घर में जब दोस्त आते हैं
उनको कमरे में बैठने की
सलाह दी जाती है।
(३ )
बुढ़ापा एक कमरे में
सिमट कर रह जाता है
झड़ जाते है दिन और
बदल जाता है वक्त
अपने बच्चों के सामने ही
बौना हो जाता है बुढ़ापा।
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