घणो सौवणो सावण लागै
सौणा तीज तिवांर रे
उमट कळायण बरसै बादळ
मन हरसावै रे
सावण आयो रे
ऊँचा डाळै हिंडो घाल्यो
सखियाँ हिंडो हिंड रे
सावण आयो रे
सोन चिड़कल्यां करै कई किळोळा
गीत पपीहा गावै रे
पीऊ-पीऊ कर बोले मोरियो
छतरी ताणे रे
सावण आयो रे
मैह मोकळो अबकी बरस्यो
जबर जमानो हुसी रे
हळिया ने हाथा में पकड़्यां
छेलौ तेजो गावै रे
सावण आयो रे
कर सौलह सिणगार गोरड़ी
भातो लेयर चाळी रे
ऊँचा बैठो सायबां
प्रीत करे मनवार रे
सावण आयो रे।
[ यह कविता "एक नया सफर" पुस्तक में प्रकाशित हो गई है। ]
सौणा तीज तिवांर रे
उमट कळायण बरसै बादळ
मन हरसावै रे
सावण आयो रे
ऊँचा डाळै हिंडो घाल्यो
सखियाँ हिंडो हिंड रे
घूँघट मांही पळका मारै
लड़ली लुमाँ झुमाँ रेसावण आयो रे
सोन चिड़कल्यां करै कई किळोळा
गीत पपीहा गावै रे
पीऊ-पीऊ कर बोले मोरियो
छतरी ताणे रे
सावण आयो रे
फर-फर करती उड़े चुनड़ी
चले पवन पुरवाई रे
झिरमिर-झिरमिर मैहा बरसे
गौरी मूमल गावै रे
सावण आयो रेमैह मोकळो अबकी बरस्यो
जबर जमानो हुसी रे
हळिया ने हाथा में पकड़्यां
छेलौ तेजो गावै रे
सावण आयो रे
कर सौलह सिणगार गोरड़ी
भातो लेयर चाळी रे
ऊँचा बैठो सायबां
प्रीत करे मनवार रे
सावण आयो रे।
[ यह कविता "एक नया सफर" पुस्तक में प्रकाशित हो गई है। ]
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