पुराने दोस्तों के साथ
बिताये लम्हों की एक तस्वीर
आज फाइलों में दबी मिल गई
तस्वीर जो समेटे है मेरे
जीवन के अनमोल पल और
विशेष यादों को
कुछ यादें तो आज भी ताजा है
मगर कुछ धूमिल हो गई
समय के साथ-साथ
कुछ दोस्त तो बिछुड़ भी गए
मगर कुछ अभी भी
इंतजार में हैं
कभी कोई मिल जाता है
जिंदगी के राहे सफर में
किसी मोड़ पर
तो शुरु हो जाती है
हँसी-ठिठोली और
पुरानी यादों की गुगली
चलती है बातें लम्बी
नहीं खत्म होती
यादों की डोर झटपट
किसने क्या पाया और
किसने क्या खोया का
बन जाता है एक तलपट।
( यह कविता स्मृति मेघ में प्रकाशित हो गई है। )
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