Wednesday, December 16, 2020

पुराने दोस्तों के साथ

पुराने दोस्तों के साथ 
बिताये लम्हों की एक तस्वीर 
आज फाइलों में दबी मिल गई 

तस्वीर जो समेटे है मेरे 
जीवन के अनमोल पल और 
विशेष यादों को 

कुछ यादें तो आज भी ताजा है 
मगर कुछ धूमिल हो गई 
समय के साथ-साथ 

कुछ दोस्त तो बिछुड़ भी गए 
मगर कुछ अभी भी 
इंतजार में हैं 

कभी कोई मिल जाता है 
जिंदगी के राहे सफर में  
किसी मोड़ पर

तो शुरु हो जाती है 
हँसी-ठिठोली और 
पुरानी यादों की गुगली 

चलती है बातें लम्बी 
नहीं खत्म होती 
यादों की डोर झटपट 

किसने क्या पाया और 
किसने क्या खोया का 
बन जाता है एक तलपट। 


( यह कविता स्मृति मेघ में प्रकाशित हो गई है। )







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