घर की छत पर सोने
टूटते तारों को देखने
चांदनी में नहाने को
मन तरस गया
एक युग बीत गया।
झाड़ी से बेरों को तोड़ने
नीम की छाँव तले बैठने
अलगोजा सुनने को
मन तरस गया
एक युग बीत गया।
बणीठणी पणिहारी देखने
शादियों में टूंटिया देखने
मेले में घूमने को
मन तरस गया
एक युग बीत गया।
गोधूलि में घुंघरु सुनने
मौर का नाच देखने
ऊँट पर चढ़ने को
मन तरस गया
एक युग बीत गया।
पायल की छमछम सुनने
घूँघट से टिचकारी सुनने
चूड़ियों से पानी पीने को
मन तरस गया
एक युग बीत गया।
No comments:
Post a Comment